क्या अब अमेरिका पहली पसंद नहीं रहा? भारतीय छात्र खोज रहे हैं नए वैश्विक विकल्प विदेश में पढ़ाई को लेकर
अमेरिका की लोकप्रियता में गिरावट, जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड और न्यूज़ीलैंड बन रहे हैं नई पसंद।
अमेरिका की लोकप्रियता में गिरावट, जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड और न्यूज़ीलैंड बन रहे हैं नई पसंद।
विदेश में उच्च शिक्षा की योजना बना रहे भारतीय छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच अमेरिका को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
हाल ही में अमेरिकी स्टडी वीज़ा रद्द किए जाने और छात्रों की जानकारी SEVIS सिस्टम से हटाए जाने की घटनाओं ने छात्रों में असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है।
इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन की ओर से OPT (Optional Practical Training) कार्यक्रम को समाप्त करने की संभावनाओं ने छात्रों के लिए अमेरिका में पढ़ाई के बाद काम करने की राह और कठिन बना दी है।
एक सर्वे के अनुसार, 42% अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने कहा कि वे अब अमेरिका को पढ़ाई के लिए पहले जैसी प्राथमिकता नहीं देते। इसका कारण वीज़ा में देरी, सरकारी नीतियों को लेकर चिंता और राजनीतिक अस्थिरता बताया गया है।
अब भारतीय छात्र अपनी संभावनाओं का दायरा बढ़ा रहे हैं। जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अब तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इन देशों की उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली, उदार इमिग्रेशन नीतियाँ और सस्ती रोजगार बाज़ार, छात्रों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।
- जर्मनी: तकनीकी और इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए प्रसिद्ध, साथ ही अधिकांश पाठ्यक्रमों में ट्यूशन फीस नहीं ली जाती। वर्तमान में लगभग 50,000 भारतीय छात्र जर्मन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। 2022 से 2024 के बीच जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या में 68% की वृद्धि हुई है।
- फ्रांस: बिजनेस, डिज़ाइन और हेल्थकेयर से जुड़े पाठ्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध। यहाँ भारतीय छात्रों की संख्या 2022 से 2024 के बीच 33% बढ़कर 8,536 हो गई है।
- आयरलैंड: कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और लाइफ साइंसेज़ में मजबूत औद्योगिक सहयोग। फाइनेंस, लॉ और मेडिसिन जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
- न्यूज़ीलैंड: सबसे बड़ा आश्चर्य बनकर उभरा है, जहाँ 2022 से 2024 के बीच भारतीय छात्रों की संख्या में 354% की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इसका कारण यहाँ के पोस्ट-स्टडी वर्क वीज़ा नियमों में बदलाव और आईटी, हेल्थकेयर, बिजनेस में बेहतर नौकरी के अवसर हैं।
- ऑस्ट्रेलिया: फाइनेंस, लॉ और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूती के चलते छात्रों को आकर्षित कर रहा है।
- रूस: जहाँ 2024 में भारतीय छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।