जल बंटवारे पर फिर गरमाया हरियाणा‐पंजाब विवाद, बीबीएमबी ने दिए समाधान के सुझाव।

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पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर जल विवाद तेज हो गया है,

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पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर जल विवाद तेज हो गया है, जिससे राजनीतिक घमासान भी बढ़ गया है। इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की है। BBMB ने अपनी रिपोर्ट में हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने की सिफारिश करते हुए तीन से चार एक्शन प्लान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपे हैं। रिपोर्ट में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को दिए जाने वाले पानी की पूरी स्थिति का ब्यौरा शामिल किया गया है। BBMB केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

जब हरियाणा ने पंजाब पर पानी रोकने का आरोप लगाया और केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की, तो केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को BBMB अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवाई और समाधान निकालने के निर्देश दिए। BBMB अधिकारियों के अनुसार, पंजाब हरियाणा को पानी देने से इनकार नहीं कर सकता, लेकिन हरियाणा अपने कोटे का 103 प्रतिशत पानी पहले ही उपयोग कर चुका है। ऐसे में अतिरिक्त पानी देने का निर्णय विशेष परिस्थितियों में ही लिया जा सकता है।

विवाद के समाधान हेतु BBMB चेयरमैन मनोज तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक लंबी बैठक हुई, जिसमें पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक में तीन से चार संभावित एक्शन प्लान पर चर्चा की गई। एक प्रस्ताव के तहत सुझाव दिया गया कि भाखड़ा नहर से तीनों राज्यों को दिए जाने वाले पानी का सर्कल 21 मई से अगले वर्ष 20 मई तक के लिए होता है। ऐसे में वर्तमान सत्र में हरियाणा को अतिरिक्त पानी देकर अगले सत्र (20 मई 2025) में हरियाणा के हिस्से से कटौती की जा सकती है। इससे अस्थायी राहत देकर विवाद का समाधान निकाला जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, BBMB अधिकारी गुरुवार को पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों के साथ बैठक कर उक्त एक्शन प्लान पर अंतिम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को एक वीडियो जारी कर बताया था कि राज्य सरकार 6 मार्च से हरियाणा को प्रतिदिन 4,000 क्यूसिक अतिरिक्त पानी दे रही है। हालांकि, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में 8,500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी की मांग की है। पंजाब सरकार का कहना है कि अब तक उसने अपने कोटे का केवल 89 प्रतिशत ही पानी उपयोग किया है और राज्य में धान व नरमे की खेती के लिए पानी की आवश्यकता है। इसलिए अब हरियाणा को और अधिक पानी देना संभव नहीं है।

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