मिशन का नाम सिंदूर सुनकर भावुक हो गई थी’, पहलगाम हमले के बदले के बाद छलका पीड़ितों का दर्द

0

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई, पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले

Capture

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए जवाबी कार्रवाई की। निशाना बनाए गए नौ ठिकानों में से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं। पाकिस्तान में स्थित ठिकानों में बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट शामिल हैं। आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए विशेष सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। भारतीय सेना के तीनों अंगों ने संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक के दौरान धमाकों से आसमान लाल हो गया। इसके बाद जब आकाश की लाली खत्म हुई तो अंधेरे में टिमटिमाती रोशनी के बीच फिर फाइटर जेट की गूंज सुनाई दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ समय के अंतराल पर एक-एक कर कई धमाके हुए, और यह सिलसिला करीब 40 मिनट तक जारी रहा। इसके बाद कुछ देर के लिए आवाज थमी, लेकिन फिर लगातार लड़ाकू विमान मंडराते रहे। इस बीच पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के बयान भी सामने आने लगे। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्वागत किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भारतीय सशस्त्र बलों को सलाम किया।

एन. रामचंद्रन की बेटी आरती का छलका दर्द

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में मारे गए एन. रामचंद्रन की बेटी आरती का दर्द बुधवार को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से कुछ कम हुआ। हालांकि उनका नुकसान कोई भी पूरा नहीं कर सकता, लेकिन अब उन्हें इस बात की तसल्ली है कि गुनहगारों को सख्त सजा मिल गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कार्रवाई से उनके परिवारों को कुछ राहत मिल सकेगी। उन्होंने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों पर मिसाइल हमलों के लिए प्रधानमंत्री, भारतीय सेना और सरकार को सलाम किया।

‘हिमांशी नरवाल सहित सभी पीड़ित परिवारों को कुछ सुकून मिला होगा’

आरती ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के लिए इससे बेहतर नाम नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का इससे बेहतर जवाब नहीं हो सकता, जिसने हमारे सामने हमारे पिता, भाई या पतियों को मार डाला। ऑपरेशन सिंदूर से हिमांशी नरवाल सहित सभी पीड़ित परिवारों को कुछ राहत और सुकून मिला होगा। हिमांशी के पति भी आतंकवादी हमले में मारे गए थे और उनके पति के शव के पास बैठी उनकी तस्वीर इस घातक घटना की भयावह याद बन गई थी।

‘पति और पिता को खोना व्यर्थ नहीं गया’

मृतक संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने इस भयावह आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने का बदला लेने के लिए सरकार और भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की। असावरी ने कहा कि कई लोग अपने पति और पिता को खो चुके हैं, लेकिन यह व्यर्थ नहीं गया। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू करके पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है और न्याय दिया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों रखा गया

जगदाले ने कहा, ‘हमारे रिश्तेदारों से (ऑपरेशन सिंदूर के बारे में) फोन आए। भारत ने इन हवाई हमलों के जरिए पहलगाम हमले का बदला लिया है। मिशन का नाम (सिंदूर) सुनकर मैं बेहद भावुक हो गई थी। जब अमित शाह श्रीनगर में मृतकों को श्रद्धांजलि देने आए थे, तो अपने पतियों को खोने वाली बहनें गिड़गिड़ा रही थीं। मुझे लगता है कि इसीलिए ऑपरेशन को ऐसा नाम दिया गया है।’

देर रात भारत ने की स्ट्राइक

इससे पहले पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की निर्मम हत्या के दो हफ्ते बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य हमले किए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *