सुविधाओं से महरूम अंबाला का होम्योपैथिक अस्पताल, दो साल बाद भी अधूरी व्यवस्था

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उत्तर भारत का पहला राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल पौने दो साल बाद भी अधूरी सुविधाओं के चलते मरीजों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। न स्टाफ पूरा है, न ही भर्ती या आधुनिक जांच की सुविधाएं शुरू हो पाई हैं।

सुविधाओं से महरूम अंबाला का होम्योपैथिक अस्पताल, दो साल बाद भी अधूरी व्यवस्था

अंबाला। उत्तर भारत के पहले होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज से जुड़ा राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल करीब पौने दो साल पहले जनता को समर्पित किया गया था, लेकिन आज यह अस्पताल उपेक्षा और अव्यवस्थाओं का शिकार होकर अपनी पहचान खोता जा रहा है। अंबाला कैंट के रामपुर गांव स्थित सामुदायिक केंद्र में फिलहाल अस्थायी रूप से संचालित यह अस्पताल अभी तक पूर्ण स्टाफ से भी वंचित है।

रिक्त पदों से प्रभावित सेवाएं
अस्पताल में कुल 54 स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद अभी तक खाली हैं, जिसके चलते यहां सिर्फ ओपीडी सेवाएं ही सीमित रूप से दी जा रही हैं। अंबाला ही नहीं, बल्कि दूर-दराज़ से आने वाले मरीजों को भी यहां महज एचबी और शुगर जैसी बुनियादी जांच के बाद दवा दी जाती है। भर्ती करने की सुविधा (इनडोर सेवाएं) अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं। उद्घाटन के समय तैयार किए गए वार्ड सिर्फ दिखावे तक सीमित रह गए हैं।

ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा नहीं
अब तक मरीजों का ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू नहीं किया गया है। रिकॉर्ड रखने के लिए अभी मैनुअल रजिस्टर का ही सहारा लिया जा रहा है। ओपीडी की संख्या भी औसतन 50 से 60 मरीजों तक सिमटी हुई है। दोपहर दो बजे तक ही ओपीडी चलती है, जिसके बाद मरीजों को लौटना पड़ता है।

अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जैसी जरूरी सुविधाएं गायब
उद्घाटन के समय दावा किया गया था कि अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, लेकिन आज तक अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे जैसी मशीनें अस्पताल तक नहीं पहुंच पाई हैं। 25 बेड की क्षमता होने के बावजूद मरीजों को दाखिल करने की सुविधा नहीं मिल रही है।

चंद्रपुरी में निर्माणाधीन नई इमारत भी अधर में
अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की स्थायी इमारत चंद्रपुरी में निर्माणाधीन है, लेकिन करीब दो साल में इसका महज 10 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। अब यह प्रोजेक्ट रि-टेंडरिंग की प्रक्रिया में फंसा हुआ है। इस बहुचर्चित प्रोजेक्ट की लागत लगभग 55.85 करोड़ रुपये है, जिसमें 100 बेड का अस्पताल, तीन मंजिला भवन, दो मंजिला कॉलेज, 6-6 मंजिला छात्रावास और 16 स्टाफ क्वार्टर बनाए जाने हैं।
राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि रिक्त पदों को भरने के लिए मुख्यालय से लगातार पत्राचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही स्टाफ की नियुक्ति हो जाएगी, जिसके बाद बेड सुविधा और एक्स-रे जैसी सेवाएं भी शुरू की जाएंगी।

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