1971 की वो रात जब पाकिस्तानी पायलट भाग खड़े हुए: भारतीय वायुसेना का करारा जवाब
1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान, पाकिस्तान एयरफोर्स ने ऑपरेशन चंगेज़ खां के तहत आगरा सहित भारत के नौ वायुसेना ठिकानों पर अचानक हमला कर दिया। भारतीय मिग लड़ाकू विमानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, मिसाइलें दागीं और पाकिस्तानी पायलटों को भागने पर मजबूर कर दिया। दुश्मन विमानों के मलबे के टुकड़े बाद में आगरा और भरतपुर के पास मिले।

जब-जब पाकिस्तान ने भारत की ओर कदम बढ़ाया, तब-तब उसे भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। 1971 के युद्ध में भी यही हुआ, जब भारतीय वायुसेना के शौर्य ने पाकिस्तानी एयरफोर्स को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
3 दिसंबर 1971 को, पाकिस्तान ने ऑपरेशन चंगेज़ खां के तहत एक साथ भारत के 9 एयरबेस पर हमला किया। आगरा एयरबेस भी इनमें शामिल था। अमर उजाला आर्काइव्स के अनुसार, रात 9 से 11 बजे के बीच पाकिस्तानी बी-57 बमवर्षक विमानों ने हमला करने की कोशिश की, लेकिन खेरिया एयरबेस से विमानभेदी तोपों द्वारा उन्हें जवाब दिया गया। एक पाकिस्तानी विमान पर गोला लगने की पुष्टि हुई, जिसके टुकड़े कीठम और रैपुरा जाट गांवों के पास गिरे। इनकी खोज के लिए आगरा और मथुरा के डीएम के नेतृत्व में पुलिस टीम रवाना हुई।
4 दिसंबर को, भारतीय मिग विमानों ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तानी विमानों पर मिसाइलें दागीं। आगरा के आसमान में दोनों देशों के विमानों के बीच जोरदार भिड़ंत हुई। इस संघर्ष में पाकिस्तानी पायलटों को जान बचाकर भागना पड़ा। पाकिस्तानी विमानों के कुछ टुकड़े भरतपुर-बयाना रोड पर सीगौरा बसई और भरसानी गांव के बीच गिरे थे।
यह घटनाक्रम इस बात का प्रमाण है कि भारतीय वायुसेना ने न सिर्फ जवाब दिया, बल्कि दुश्मन के हौसले भी पस्त कर दिए।