भाखड़ा नहर से पानी को लेकर बीबीएमबी का बड़ा फैसला, हरियाणा को मिलेगा 10,300 क्यूसेक पानी
बीबीएमबी ने हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की पानी की मांग को 21 से 31 मई तक के लिए मंजूरी दे दी है। पंजाब के विरोध के बावजूद हरियाणा को 10,300 क्यूसेक पानी मिलेगा। हालांकि पानी भाखड़ा नहर की सुरक्षित क्षमता के अनुसार ही छोड़ा जाएगा। अगली बैठक 31 मई को होगी।

भाखड़ा नहर के माध्यम से चलने वाले पानी को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। बोर्ड ने यह शर्त भी जोड़ दी है कि पानी नहर की सुरक्षित क्षमता के अनुसार ही छोड़ा जाएगा। भाखड़ा नहर की डिजाइन क्षमता 12,500 क्यूसेक है, जबकि अब तक इसमें अधिकतम 11,200 क्यूसेक पानी ही छोड़ा जाता रहा है।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) हरियाणा, पंजाब और राजस्थान को डिमांड के अनुसार पानी देने को तैयार हो गया है। बीते 15 मई को बीबीएमबी मुख्यालय में हुई तकनीकी कमेटी की बैठक में 21 से 31 मई तक के लिए पानी की मांग पर चर्चा हुई। हरियाणा ने 10,300 क्यूसेक, पंजाब ने 17,000 क्यूसेक और राजस्थान ने 12,400 क्यूसेक पानी की मांग रखी थी।
बैठक में पंजाब ने हरियाणा की मांग का विरोध किया था, लेकिन बीबीएमबी ने सभी राज्यों की मांगों को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि अब हरियाणा को 10,300 क्यूसेक पानी मिलेगा, भले ही पंजाब ने इसका विरोध किया हो।
पंजाब को हरीके बैराज से 7,000 क्यूसेक और रोपड़ से 10,000 क्यूसेक पानी मिलेगा। राजस्थान को 12,400 और हरियाणा को 10,300 क्यूसेक पानी देने की अनुमति दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि पंजाब सरकार के सख्त रुख को देखते हुए बोर्ड ने निष्पक्ष रुख अपनाया है।
हालांकि, भाखड़ा नहर की स्थिति को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। नहर की क्षमता 12,500 क्यूसेक है लेकिन बीबीएमबी ने पंजाब और हरियाणा को मिलाकर 13,300 क्यूसेक पानी देने का निर्णय लिया है, जो कि नहर की डिज़ाइन क्षमता से अधिक है।
📅 अगली बैठक 31 मई को
पंजाब सरकार पहले ही 15 मई की बैठक में कह चुकी है कि भाखड़ा नहर के किनारे कमजोर हो चुके हैं और मरम्मत की आवश्यकता है। ऐसे में पानी छोड़े जाने से पहले नहर की स्थिति का ध्यान रखा जाए। इस मुद्दे पर अगली बैठक 31 मई को संभावित है, जिसमें जून महीने के लिए पानी की आपूर्ति पर निर्णय लिया जाएगा।
💧 अतिरिक्त पानी पर फैसला लंबित
पंजाब ने धान की बुआई के लिए 9,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग रखी थी, जो मौजूदा आपूर्ति से 35% अधिक है। लेकिन बीबीएमबी ने इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इसके अलावा पोंग डैम की तीसरी सुरंग की मरम्मत को भी टाल दिया गया है।