सरकारी स्कूलों की मिड-डे मील वर्कर्स ने वेतन बढ़ोतरी को लेकर शिक्षा सदन पर किया प्रदर्शन
अंबाला सिटी में सरकारी स्कूलों की मिड-डे मील वर्कर्स ने कम वेतन और समय पर भुगतान न मिलने के विरोध में शिक्षा सदन पर प्रदर्शन किया। यूनियन ने चेतावनी दी है कि मांगे न मानी गईं तो 9 जुलाई से स्कूलों में भोजन नहीं बनेगा।

सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील (दोपहर के भोजन) तैयार करने वाली वर्कर्स इन दिनों वेतन को लेकर परेशान हैं। मंगलवार को उन्होंने अपने रोष और गुस्से को जाहिर करते हुए शिक्षा सदन पर जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर जिला प्रधान ललिता खन्ना के नेतृत्व में किया गया।
वर्कर्स ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि बढ़ती महंगाई के इस दौर में मात्र 7,000 रुपये प्रतिमाह में घर चलाना मुश्किल हो गया है। इसलिए उनका न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह किया जाए।
जिला सचिव सोनिया ने बताया कि उन्हें पहले ही बहुत कम वेतन मिलता है और वह भी समय पर नहीं आता। जब भुगतान होता है तो वह भी टुकड़ों में—कभी केंद्र सरकार से और कभी राज्य सरकार से—मिलता है। इसके अलावा यह वेतन साल के केवल दस महीनों के लिए ही दिया जाता है।
वर्कर्स ने इसे केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा गरीब महिलाओं के साथ अन्याय बताया। उन्होंने मांग की कि साल के पूरे 12 महीनों का वेतन दिया जाए।
यूनियन ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो 9 जुलाई से स्कूलों में मिड-डे मील नहीं बनाया जाएगा।