सरकारी टेलीकॉम कंपनी MTNL का बड़ा कर्ज डिफॉल्ट, बैंकों के खाते में बढ़ा नुकसान

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MTNL Bankrupt News

कभी देश के सबसे भरोसेमंद टेलीकॉम ब्रांड्स में गिनी जाने वाली MTNL (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहाँ से वापसी आसान नहीं लगती। एक ज़माना था जब “डायल-अप” इंटरनेट से लेकर लैंडलाइन फोन तक, दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों में हर घर में MTNL की मौजूदगी होती थी। लेकिन वक्त बदला, तकनीक बदली, और बाज़ार में आई तेज़ रफ्तार प्राइवेट कंपनियाँ—जिन्होंने MTNL जैसे पुराने खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया।

आज हालत ये है कि MTNL ने सात सरकारी बैंकों से लिए गए कुल 8,585 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान तक नहीं किया है। यह सिर्फ एक संख्या नहीं है—बल्कि एक सरकारी कंपनी की गिरती आर्थिक सेहत, असफल रणनीति और प्रबंधन की कहानी है। यह वही MTNL है जिसे कभी ‘Mini Navratna’ कहा गया था, और अब वही कंपनी डिफॉल्ट यानी “कर्ज चुकाने में असमर्थ” घोषित हो चुकी है।

यह डिफॉल्ट अगस्त 2024 से फरवरी 2025 के बीच दर्ज हुआ, और इसकी जानकारी 15 जुलाई 2025 को स्टॉक एक्सचेंज में दी गई ।

बैंकों की सूची और कर्ज का विवरण

  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ₹3,733.22 (₹3,334.57 करोड़ मूल + ₹398.65 करोड़ ब्याज)
  • इंडियन ओवरसीज बैंक ₹2,434.13 (₹2,300 करोड़ मूल + ₹134.13 करोड़ ब्याज)
  • पंजाब नेशनल बैंक ₹474.66 (₹432.16 करोड़ मूल)
  • पंजाब & सिंध बैंक ₹184.82 (₹168.34 करोड़ मूल)
  • UCO बैंक ₹273.58 (₹245.83 करोड़ मूल)
  • भारतीय स्टेट बैंक ₹363.43 (₹313.90 करोड़ मूल)
  • बैंक ऑफ इंडिया ₹1,121.09 (₹999.54 करोड़ मूल)

MTNL की कुल देनदारी अब 34,484 करोड़ रुपये पहुंच गई है—जिसमें बैंक ऋण, सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड्स और दूरसंचार विभाग से लिया गया कर्ज शामिल है ।

इसका असर क्या होगा?

  • MTNL के स्टॉक में 4–5% की गिरावट आई और यह लगभग ₹49–₹50 पर बंद हुआ ।
  • ऐसे बड़े स्तर का कर्ज ब्याज सहित न चुकना, बैंकों की बैलेंसशीट पर असर डालता है। कई विश्लेषक इस स्थिति को बैंकिंग सेक्टर के लिए निजीकरण और पुनर्गठन की मांग बढ़ा सकते हैं।
  • MTNL को बचाने खातिर पहले भी सरकार ने 24,071 करोड़ रुपये के सॉवरेन गारंटी बॉन्ड जारी किए । अब BSNL के साथ साझेदारी समझौता कर संरचनात्मक समाधान की कोशिश हो रही है ।
  • MTNL को पुरानी संरचना, निजी प्रतिस्पर्धा और अप्रचलित नेटवर्क तकनीक ने लंबे समय से पीछे खड़ा रखा है। इस डिफॉल्ट ने फिर से spotlight में इंडस्ट्री की चुनौतियाँ ला दी हैं ।

MTNL की हालत इतनी खराब कैसे हुई?

MTNL की मौजूदा आर्थिक दुर्दशा कोई अचानक नहीं आई। पिछले एक दशक से कंपनी की स्थिति लगातार बिगड़ रही थी। इसके पीछे कई कारण रहे:

  • तकनीक में पिछड़ना – जहां प्राइवेट कंपनियाँ 4G और 5G जैसी नई टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ीं, वहीं MTNL आज भी 3G नेटवर्क तक सीमित है।
  • कम ग्राहक आधार – Airtel, Jio और Vi जैसी कंपनियों के आक्रामक प्लान्स और तेज नेटवर्क के सामने MTNL का ग्राहक आधार धीरे-धीरे घटता गया।
  • पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर – कंपनी के पास नई तकनीकों के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है।
  • कर्मचारियों की संख्या बहुत ज़्यादा – जहां नई कंपनियाँ lean teams पर काम करती हैं, वहीं MTNL पर भारी वेतन बिल और पेंशन बोझ है।







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