डेंगू बना राजधानी में सालभर की चुनौती
राजधानी में डेंगू अब मौसमी बीमारी नहीं रहा। यह सालभर सक्रिय रहकर लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।

राजधानी में डेंगू का कहर: अब सालभर बना हुआ है खतरा
राजधानी में डेंगू अब केवल बरसात के मौसम तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सालभर की चुनौती बन चुका है। यह बीमारी अब लगभग हर महीने लोगों को प्रभावित कर रही है।
पहले जहां डेंगू दो वर्षों के अंतराल पर गंभीर रूप लेता था, वहीं अब यह एक साल के भीतर ही विकराल रूप धारण कर रहा है। इसका मतलब है कि यह मौसमी रोग अब लगातार सक्रिय है और पूरे वर्ष स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव बना रहा है।
सालभर सक्रियता बढ़ा रही चिंता
डेंगू की सक्रियता अब केवल मानसून तक सीमित नहीं रही। विशेषज्ञों के अनुसार, बदलते पर्यावरणीय कारकों और शहरीकरण के कारण मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ सालभर बनी रहती हैं। इससे डेंगू के मामलों में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है।
सावधानी और जागरूकता की आवश्यकता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डेंगू की रोकथाम के लिए केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। नागरिकों को भी अपने आसपास की सफाई, पानी के जमाव को रोकने और मच्छर-रोधी उपाय अपनाने की आवश्यकता है। स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है।