आईएमटी के इंतजार में अंबाला, दो महीने बाद भी अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू नहीं
अंबाला में आईएमटी परियोजना को लेकर दो महीने पहले बजट में घोषणा हुई थी, लेकिन अब तक ज़मीनी कार्य शुरू नहीं हुआ है। विभागीय अधिकारी भूमि अधिग्रहण के निर्देशों का इंतज़ार कर रहे हैं।

अंबाला में आईएमटी का सपना फिर अधूरा, बजट घोषणा के दो महीने बाद भी नहीं हुई कोई प्रगति
अंबाला सिटी। अंबाला में वर्षों से इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) की उम्मीदें अब भी अधूरी हैं। चुनावों में बार-बार इस मुद्दे का इस्तेमाल कर राजनीतिक पार्टियां वोट बटोरती रही हैं, लेकिन धरातल पर आज तक कोई ठोस काम नहीं हुआ।
इस साल प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद पेश किए गए पहले बजट में अंबाला में आईएमटी परियोजना की घोषणा की गई थी। इससे स्थानीय उद्योगों और युवाओं में उत्साह की लहर दौड़ गई थी। लेकिन बजट घोषणा के दो महीने बीतने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
भूमि अधिग्रहण के निर्देशों का इंतज़ार
आईएमटी परियोजना के पहले चरण के लिए सरकार ने 800 एकड़ भूमि पर विकास कार्य आरंभ करने की बात कही थी। यह जिम्मेदारी एचएसआईआईडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) को सौंपी गई है। मगर अभी तक न तो भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ है और न ही जिला राजस्व विभाग को कोई आधिकारिक निर्देश मिले हैं।
ई-भूमि पोर्टल पर किसानों और ज़मीन मालिकों से आवेदन लेने की प्रक्रिया भी अटकी हुई है। एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के पास भी परियोजना को लेकर कोई नई जानकारी नहीं है।
एक दशक से अधिक पुराना वादा
आईएमटी की घोषणा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में की गई थी। तब दावा किया गया था कि अंबाला में फैली हुई सभी औद्योगिक इकाइयों को एक जगह एकीकृत किया जाएगा, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके बाद भाजपा सरकार ने भी इस मुद्दे को उठाया, लेकिन परियोजना की फाइलें सिर्फ चंडीगढ़ और अंबाला के दफ्तरों में घूमती रहीं।
अब, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में बनी सरकार ने पहली बार इस परियोजना को बजट में शामिल किया है, लेकिन ज़मीनी क्रियान्वयन का अभाव अभी भी लोगों में निराशा फैला रहा है।