गर्मी के मौसम में भीड़ से बेहाल अम्बाला सत्र, बिहार-यूपी की ट्रेनों में अव्यवस्थाएं चरम पर।
अंबाला। ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते एक बार फिर बिहार और उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ट्रेनों में भीड़ और अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं।

अंबाला। ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते एक बार फिर बिहार और उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली ट्रेनों में भीड़ और अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं। कंफर्म टिकट वाले यात्री दरवाजे पीटते नजर आ रहे हैं, जबकि जनरल टिकट वाले यात्री आराम से आरक्षित सीटों पर कब्जा किए बैठे हैं। सत्र पर व्यवस्था संभालने वाले आरपीएफ और जीआरपी कर्मचारियों की मौजूदगी नगण्य रही, जबकि टीटीई टिकट चेक करने में व्यस्त नजर आए।
ऐसे हालात बुधवार दोपहर करीब एक बजे अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर खड़ी ट्रेन नंबर 15708 आम्रपाली एक्सप्रेस में देखे गए। ट्रेन के पहुंचते ही यात्री कोच में चढ़ने की होड़ मच गई। भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुछ यात्री दरवाजा बंद देखकर खिड़की से ही अंदर घुसने की कोशिश करते दिखाई दिए ताकि सीट मिल सके। जनरल कोच की स्थिति सबसे खराब रही। यात्री भेड़-बकरियों की तरह कोच में ठुंसे हुए थे। कोई धक्का दे रहा था तो कोई गाली-गलौज करता नजर आया।
पुरुष किसी तरह कोच में घुसने में सफल रहे, लेकिन महिला यात्री भीड़ देखकर पीछे हट गईं। इस दौरान कुछ संदेहास्पद और नशे की हालत में युवक भी कोच के दरवाजे पर धक्का-मुक्की करते दिखाई दिए। उन्होंने भीड़ का फायदा उठाकर जेबें टटोलने की कोशिश की, हालांकि वे सफल नहीं हो सके।
आम्रपाली एक्सप्रेस में खानपान की सुविधा के लिए एक छोटी पैंट्री है, लेकिन ठेकेदार ने एसी कोच को ही सोर बना रखा है। रेल नेयर की जगह “रॉयल चैलेंज” नामक अनधिकृत बांड की पानी की बोतलें बेची जा रही हैं। एसी कोच बी-1 से सीपर कोच की ओर जाने वाले रास्ते में बर्फ की सिल्ली और पानी के ड्रम रखे हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि ट्रेन में तैनात टीटीई भी इस पर कोई आपत्ति नहीं जताते, जबकि अमृतसर से ही इस ट्रेन में फिरोजपुर मंडल का साफ तैनात है।
सिर्फ आम्रपाली एक्सप्रेस ही नहीं, कटरा से डॉ. आंबेडकर नगर जाने वाली मालवा एक्सप्रेस और अन्य प्रमुख ट्रेनों में भी यही हालात हैं। परेशान यात्री सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो पोस्ट कर रेल मंत्री और मंडल रेल प्रबंधक से व्यवस्था सुधारने की अपील कर रहे हैं।