सिंधु जल समझौता निलंबन: पाकिस्तान में असर दिखने लगा

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भारत ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया।

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भारत ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मिलता था, जबकि भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पानी मिलता था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान की कृषि और बिजली उत्पादन पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि उसकी 80% कृषि सिंचाई और बिजली उत्पादन सिंधु जल प्रणाली पर निर्भर है।

भारत ने तीन चरणों में पश्चिमी नदियों के पानी की आपूर्ति को नियंत्रित करने की योजना बनाई है—

Short-term: नदियों से गाद निकालने का कार्य शुरू किया जाएगा, जिससे पानी का प्रवाह नियंत्रित किया जा सके।

Medium-term: नदियों के प्रवाह को मोड़ने के लिए बांधों का निर्माण किया जाएगा।

Long-term: पानी की आपूर्ति को पूरी तरह से रोकने के लिए बड़े जलाशयों का निर्माण किया जाएगा।

पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को “युद्ध की घोषणा” माना है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने कहा है, “या तो हमारा पानी इसमें बहेगा या उनका खून बहेगा।” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी चेतावनी दी है कि भारत के हर हमले का जवाब दिया जाएगा। भारत का यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत लिया गया है। हालांकि, पाकिस्तान के लिए यह संकटपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता है, लेकिन भारत को भी इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करना होगा।

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