जल्द पटरी पर लौटेगी कालका-शिमला रेल मोटर कार, किराए और संचालन पर अंबाला मंडल कर रहा मंथन
अंबाला मंडल ने कालका-शिमला विश्व धरोहर रेल मार्ग पर रेल मोटर कार को दोबारा चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। किराया निर्धारण और संचालन प्रक्रिया पर विभागीय मंथन जारी है।

अंबाला।
विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल खंड पर जल्द ही रेल मोटर कार दोबारा पटरी पर दौड़ती नजर आएगी। अंबाला रेल मंडल ने इसके पुन: संचालन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीआरएम के निर्देश पर संबंधित विभाग इसकी तकनीकी और व्यावसायिक संभावनाओं का आंकलन कर रहा है, ताकि पर्यटकों को समूह यात्रा का एक नया विकल्प मिल सके।
किराए निर्धारण पर विचार
रेल मोटर कार को एक विशेष एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में चलाया जाएगा। यह फिलहाल कालका रेलवे यार्ड में खड़ी है और संचालन लंबे समय से बंद है। इसके कोच में कुल 14 सीटें हैं और यह 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है।
हालांकि, पूर्व में घाटे के कारण इसका संचालन बंद कर दिया गया था। अब दोबारा संचालन से पहले किराए को लेकर मंथन किया जा रहा है, ताकि यह सेवा यात्रियों के लिए सुलभ और रेलवे के लिए लाभकारी साबित हो।
ऐतिहासिक महत्व और विशेषताएं
कालका-शिमला रेलवे का निर्माण हर्बर्ट सेप्टिमस हरिंगटन के निर्देशन में 1898 से 1903 के बीच हुआ था। यह ट्रैक ब्रिटिश काल में भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला को मुख्य भूमि से जोड़ने के लिए बनाया गया था।
8 जुलाई 2008 को यूनेस्को ने कालका-शिमला रेलवे को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी थी। इस पर्वतीय रेलवे मार्ग पर:
20 रेलवे स्टेशन
103 सुरंगें
912 मोड़
969 पुल मौजूद हैं।
यह रेल मार्ग न केवल तकनीकी रूप से अद्भुत है, बल्कि पर्यटकों के लिए एक आकर्षक रोमांच भी है।