पंजाब ने भाखड़ा नहर से रोका हरियाणा का पानी, सीएम सैनी ने कही ये बात
पानी के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है।

पानी के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई है। पंजाब ने 15 दिन पहले भाखड़ा नहर से हरियाणा को दिए जाने वाले 9500 क्यूसेक पानी में कटौती कर इसे घटाकर 4000 क्यूसेक कर दिया है। इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपना पानी पहले ही दो माह में इस्तेमाल कर चुका है और अब उनके पास देने के लिए एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं है।
पंजाब के इस फैसले से हरियाणा के 14 जिलों में जल आपूर्ति प्रभावित होनी शुरू हो गई है और आने वाले दिनों में यह संकट और गहरा सकता है। हरियाणा सरकार ने इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पानी वितरण में तय शर्तों का पालन करने की मांग की है।
यह विवाद हाल ही में बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) की एक बैठक से शुरू हुआ था। हरियाणा ने बैठक में अपने कई क्षेत्रों में पानी की भारी कमी का हवाला देते हुए 8500 क्यूसेक पानी की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के समक्ष यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूर्व में मई और जून के महीनों में हरियाणा को 9500 क्यूसेक पानी दिया जाता रहा है।
इस पर भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा को केवल मानवता के आधार पर 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है और इससे अधिक पानी नहीं दिया जाएगा, क्योंकि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से से 103% अधिक पानी उपयोग कर चुका है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस बयान को आश्चर्यजनक बताया और कहा कि यह निर्णय उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 26 अप्रैल को स्वयं भगवंत मान को फोन कर यह जानकारी दी थी कि बीबीएमबी की तकनीकी समिति ने 23 अप्रैल को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने का जो निर्णय लिया था, उसका पालन करने में पंजाब के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी बताया कि भगवंत मान ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे अपने अधिकारियों को निर्देश देकर अगले दिन सुबह तक निर्णय का पालन सुनिश्चित करेंगे, लेकिन 27 अप्रैल तक कुछ नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने भगवंत मान को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया, लेकिन 48 घंटे बाद भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। इसके बजाय भगवंत मान ने एक वीडियो जारी कर अपनी राजनीति चमकाने और जनता को भ्रमित करने की कोशिश की।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के माध्यम से हरियाणा को जबरन अधिक पानी दिलवाने का प्रयास कर रही है, जो सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी की गणना हर वर्ष 21 मई से शुरू होकर अगले साल की 21 मई तक होती है और उसी के अनुसार राज्यों को पानी आवंटित किया जाता है।