“राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन: पूर्व रॉ प्रमुख बने अध्यक्ष, पाकिस्तान से तनाव के बीच बड़ा फैसला”

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने रणनीतिक बैठकों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा फेरबदल किया है।

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने रणनीतिक बैठकों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बड़ा फेरबदल किया है। सरकार की ओर से पुनर्गठित बोर्ड में कुल सात सदस्य होंगे, जिनमें तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त अधिकारी शामिल हैं।

सरकार ने पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनके साथ पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, और रियर एडमिरल मोती खन्ना जैसे सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी भी बोर्ड में शामिल किए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह को भी सदस्य बनाया गया है। साथ ही, सेवानिवृत्त IFS अधिकारी बी. वेंकटेश वर्मा को भी बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है।

पहलगाम हमले के बाद केंद्र की उच्चस्तरीय बैठकों का दौर

इससे पहले, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई थी। इसके बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA), आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) और फिर पूर्ण कैबिनेट की भी बैठक हुई।

यह दूसरी बार था जब पहलगाम हमलों के बाद CCS की बैठक बुलाई गई। 23 अप्रैल को हुई पिछली बैठक में भी इस आतंकी हमले को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई थी।

हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की आतंकियों ने निर्मम हत्या कर दी थी। CCS ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की गई।

प्रधानमंत्री की रक्षा अधिकारियों से विशेष बैठक

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने देश के शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए। यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली।

बैठक उस समय हुई जब दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा:

“आतंकवाद पर करारी चोट करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास जताया और कहा कि उन्हें प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई है।

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