बेसहारा पशुओं से मिलेगी राहत, नगर निगम ने पकड़ अभियान किया शुरू
अंबाला सिटी। एक वर्ष के अंतराल के बाद शहरवासियों को बेसहारा पशुओं से निजात मिलने की उम्मीद फिर से जगी है।
अंबाला सिटी। एक वर्ष के अंतराल के बाद शहरवासियों को बेसहारा पशुओं से निजात मिलने की उम्मीद फिर से जगी है। नगर निगम ने शुक्रवार को सेक्टर 9 में बेसहारा पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया, जिसमें 15 पशुओं को पकड़कर सुलर गोशाला में भेजा गया। शहरवासियों की लंबे समय से यह मांग रही है कि शहर को बेसहारा पशुओं से मुक्त किया जाए, क्योंकि इनकी वजह से कई सड़क हादसे हो चुके हैं, विशेषकर सेक्टर क्षेत्रों में समस्या अधिक गंभीर है।
नगर निगम ने हाल ही में बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए एक वर्ष का अनुबंध किया है, जिसके तहत ठेकेदार को एक पशु पकड़कर गोशाला तक पहुंचाने के लिए ₹1,465 का भुगतान किया जाएगा। यह ठेकेदारी पूरे वर्ष सक्रिय रहेगी और प्रतिदिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों से पशु पकड़े जाएंगे। सभी पकड़े गए पशुओं को सुलर गोशाला में सुरक्षित रखा जाएगा।
शहर में बेसहारा पशुओं की भरमार के कारण लोग भय और असुविधा का सामना कर रहे थे। सामाजिक कार्यकर्ता बिंपी रेखी ने बताया कि पूर्व में सेक्टर 9 में एक पशु ने एक साथ 15 लोगों को घायल कर दिया था, और यह मामला कोर्ट तक पहुंचा था। अब जब नगर निगम ने सक्रियता दिखाई है, तो स्थानीय निवासियों को भी सहयोग देना चाहिए।
इसी सिलसिले में नगर निगम आयुक्त सचिन गुप्ता ने शुक्रवार को गोशाला संचालकों के साथ बैठक की, जहां उन्होंने उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान का भरोसा दिलाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति अपने पालतू पशु को बेसहारा छोड़ता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर, अंबाला छावनी क्षेत्र में नगर परिषद की कार्यप्रणाली सुस्त बनी हुई है। यहां निविदाएं बार-बार अटक रही हैं; कभी ठेकेदार नहीं मिलते, तो कभी काम अधर में लटक जाता है। बेसहारा गोवंश की समस्या के साथ-साथ आवारा कुत्तों की नसबंदी योजना भी सिर्फ फाइलों तक सिमटकर रह गई है। ऐसे में अंबाला छावनी के निवासी इन दोनों समस्याओं से जूझते नजर आ रहे हैं। वहीं नगर परिषद के अधिकारी हर बार एक ही जवाब देते हैं: “निविदा लगा दी है, ठेकेदार मिलते ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
